भानगढ़ किला 17 वीं शताब्दी में बना हुआ है. यह किला प्राचीन कला का एक नमूना है. भानगढ़ किले को लेकर कहा जाता है कि आमेर के राजा भगवत दास ने इसे अपने छोटे बेटे माधो सिंह प्रथम के लिए 1573 में बनवाया था. इस किले में घूमने के लिए आप सालभर में कभी भी जा सकते हैं
Story of Bhangarh Fort
भानगढ़ की स्टोरी क्या है? भानगढ़, राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के एक छोर पर है। यहाँ का किला बहुत प्रसिद्ध है जो ‘भूतहा किला’ माना जाता है। इस किले को आमेर के राजा भगवंत दास ने 1583 में बनवाया था। भगवंत दास के छोटे बेटे और मुगल शहंशाह अकबर के नवरत्नों में शामिल मानसिंह के भाई माधो सिंह ने बाद में इसे अपनी रिहाइश बना लिया।भानगढ़ का किला भूतिया क्यों माना जाता है?
भानगढ़ का किला भूतिया क्यों माना जाता है?
ऐसा बताया जाता है की इस किले की राजकुमारी रत्नावती के प्यार में पड़े एक तांत्रिक ने साजिश रचकर राजकुमारी को हासिल करना चाहा था. हालांकि, साजिश का खुलासा होने पर उसे मौत के घाट उतार दिया गया. जिसके बाद तांत्रिक के शाप की वजह से भानगढ़ किला खंडहर में तब्दील हो गया और शाम होते ही यहां से चीखने चिल्लाने की आवाजें आने लगी.
भानगढ़ में रात को क्यों नहीं जाते?
भानगढ़ में रात को क्यों नहीं जाते? सूरज ढलने के बाद भानगढ़ किले में नहीं जाते टूरिस्ट. इसकी वजह है कि यह किला भूतिया किला है. यहां पैरानॉर्मल एक्टिविटी होती है. निगेटिव एनर्जी के कारण भी यात्री शाम होने के बाद यहां प्रवेश नहीं करते और न ही किले के अंदर घूमते है. आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने भी शाम को समय किले के भीतर प्रवेश को प्रतिबंधित कर रखा है.
भानगढ़ के किले में जाने का समय
भानगढ़ किले की यात्रा की योजना बनाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच सर्दियों के महीनों के दौरान होता है, जब मौसम अन्य मौसमों की तुलना में अधिक सुखद होता है और तापमान लगभग 10 डिग्री सेल्सियस से लेकर अधिकतम 20 डिग्री सेल्सियस के बीच होता. तब आप भानगढ़ के किले का भरमण कर सकते है.